इस बार मार्च में ही पड़ेगी भीषण गर्मी ?मौसम विभाग ने किया अलर्ट?

मार्च 2025 में भारत में हीटवेव की स्थिति गंभीर रहने की संभावना है, जिसमें अधिकांश क्षेत्रों में तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। भारतीय मौसम विभाग ने मार्च से मई तक हीटवेव के लिए चेतावनी जारी की है, जिससे गर्मी के रिकॉर्ड टूटने की आशंका है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी

  • भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मार्च से मई 2025 के दौरान अधिकतम तापमान में सामान्य से अधिक वृद्धि की संभावना जताई है।
  • उत्तर भारत के कई हिस्सों में हीटवेव की घटनाएं सामान्य से अधिक हो सकती हैं।

क्षेत्रीय प्रभाव

  • केवल दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत और पूर्वोत्तर के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम तापमान का अनुमान है।
  • अन्य क्षेत्रों में, विशेषकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, और बिहार में, गर्मी का प्रकोप अधिक देखने को मिलेगा।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

  • जलवायु परिवर्तन और सर्दियों में कम वर्षा के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो रही है।
  • इस वर्ष की गर्मी पिछले वर्षों की तुलना में अधिक तीव्र हो सकती है।

सावधानियाँ

  • लोगों को अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
  • विशेष रूप से, बच्चों और बुजुर्गों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।

गर्मी और लू से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं:

  1. हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त पानी पिएं और तरल पदार्थों का सेवन करें।
  2. बाहर जाने से बचें: खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच।
  3. हल्का भोजन करें: ताजे फल और सब्जियाँ शामिल करें।
  4. ठंडे स्थान पर रहें: घर को ठंडा रखने का प्रयास करें।
  5. फिजिकल एक्टिविटी कम करें: ज्यादा मेहनत करने से बचें।

इन उपायों को अपनाकर आप गर्मी से सुरक्षित रह सकते हैं। 6. सही कपड़े पहनें: हल्के रंग के, ढीले और सूती कपड़े पहनें ताकि शरीर को ठंडक मिले।

  1. सूरज की किरणों से बचें: धूप में निकलते समय छाता, टोपी या धूप का चश्मा लगाएं।
  2. शराब और कैफीन से दूर रहें: गर्मियों में चाय, कॉफी और शराब का सेवन कम करें, क्योंकि ये शरीर में पानी की कमी कर सकते हैं।
  3. गर्मी में बाहर काम करते समय सावधानी बरतें: सिर, गर्दन और चेहरे पर गीला कपड़ा रखें।
  4. प्रोटीन का सेवन सीमित करें: ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन से बचें और बासी खाना न खाएं।

इस वर्ष (2025) भारत में 125 वर्षों में सबसे अधिक गर्मी का अनुभव किया जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, मार्च से मई के बीच तापमान सामान्य से काफी अधिक रहने की संभावना है।

कारण:

  1. जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी की लहरें अधिक तीव्र और लंबे समय तक चलने लगी हैं।
  2. सर्दियों में कम वर्षा: इस वर्ष सर्दियों में कम बारिश ने गर्मी को और बढ़ा दिया है।
  3. वातावरणीय परिवर्तन: वायुमंडलीय दबाव और अन्य मौसम संबंधी कारक भी इस गर्मी के लिए जिम्मेदार हैं।

प्रभाव:

  • स्वास्थ्य पर प्रभाव: अत्यधिक गर्मी से हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
  • कृषि पर प्रभाव: फसलों की पैदावार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे खाद्य सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
  • जल संकट: जलाशयों और नदियों का जल स्तर घटने से जल संकट उत्पन्न हो सकता है।

सावधानियाँ:

  • लोगों को अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, जैसे कि हाइड्रेटेड रहना, धूप में बाहर जाने से बचना, और हल्का भोजन करना।

इस प्रकार, इस वर्ष की गर्मी ने सभी को चिंतित कर दिया है और इसके प्रभावों से निपटने के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।

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